बहुत विचित्र बात है की जिसके लिए ये कवितायेँ (रचना से आगे बढ़कर !) लिखीं , उसी ने मुँह फेर लिया और दुनिया है की उन्हीं रचनाओं पे वाह वाह किये जाती है .... खैर!
सिर्फ एक गरज़ से ये मेल कर रही हूँ, कभी किसी को जीवन में छोटा मत आंकियेगा .... पता नहीं किन लोगों की संगत में हैं आप इन दिनों?
आपके लेखों से घमंड और गुरूर की बू आती है ....
आप शायर दिल हैं, अदब वाले इंसान हैं ...ज़रा इसका भी ध्यान रखियेगा!
कभी न मिलने के वादे को बरक़रार रखते हुए,
No comments:
Post a Comment