मेरी बेटियों ने परसों
अपने नन्हे हाथों में
मेहंदी लगायी थी--
सूरजमुखी से फूल
लाल चट्टाक दिखते थे
खुश्बू से भीने
छोटे हाथों में
मैने एक चाँद सा
गीत धर दिया...
और उनसे कहा-जाओ गाओ!
वे दोनोंचहकती हुयी..
उस गीत को ले
मगन हो गयी..
लेकिन,
मेरी आँखों में सहसा
वो गीत
जवान हो गया!
बेटीयों के हाथों में रची
मेहंदी ने
मेरी ममता की उम्र को
बहुत ही बडा कर दिया!