वो सुबह कभी तो आयेगी
मेरे मन के आकाश पर सिंदूरी सहर होगी
हर रंग मुझसे होकर गुजरेगा
हर रंग को भी तो
शायद
मेरी
जरुरत होगी
मुझ तक छूते
कुछ जीवन होंगे या
कुछ रिश्तों के घनेरे जंगल भी होंगे
हर एक उमर झाँकेगी जिसमें से
मेरे बौराये जीवन की
सुनो
सच्ची वो तस्वीर होगी।
~~'रेवा पार से' मेरे कविता संग्रह की एक कविता~~
मेरे मन के आकाश पर सिंदूरी सहर होगी
हर रंग मुझसे होकर गुजरेगा
हर रंग को भी तो
शायद
मेरी
जरुरत होगी
मुझ तक छूते
कुछ जीवन होंगे या
कुछ रिश्तों के घनेरे जंगल भी होंगे
हर एक उमर झाँकेगी जिसमें से
मेरे बौराये जीवन की
सुनो
सच्ची वो तस्वीर होगी।
~~'रेवा पार से' मेरे कविता संग्रह की एक कविता~~
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