Thursday, September 27, 2012

दिल चाहता है !!




दिल चाहता है , आज,
तुम्हारे हाथों को थाम
नर्मदा मैय्या की
परिकम्मा कर आऊँ  मैं...

दिल चाहता है आज,
 तुमपे --
अपना सब कुछ लूटा दूँ  मैं!

मैंने,
मेरा मैं तुझे दिया--
ले आज मैंने,
अपना सब कुछ उतार फेंका
और इस रूह का दरवाज़ा खोल
तुझे भीतर भर लिया!

दिल चाहता है,आज--
चन्दन तिलक से सजा कर,
तुझे फिर से
अपना 
खुदा बना लूँ  मैं!




नव्या में प्रकाशित येही कविता :



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